INDvsAUS final 2003: यादें वर्ल्ड कप फाइनल की जब आस्ट्रेलिया ने भारत के वर्ल्ड कप जीतने के सपने को किया था चकनाचूर, पोंटिंग कहर बनकर टूटे थे भारतीय गेंदबाजों पे…..

खेल जगत

सत्य का सामना/ 2003 का वर्ल्ड कप फाइनल भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच जोहान्सबर्ग में खेला गया । इस समय टीम ऑस्ट्रेलिया को हराना मतलब माउंट एवरेस्ट की चोटी पर चढ़ना था । उस दौर में आस्ट्रेलिया इतनी तगड़ी टीम हुआ करती थी उनका हारना लगभग नामुमकिन सा था, सलामी बल्लेबाज एडम गिलक्रिस्ट, मैथ्यू हेडन, रिकी पोंटिंग, डेमियन मार्टिन, जैसे बल्लेबाज विरोधी टीम को पस्त कर देते थे, उसके बाद ऑलराउंडर साइमंड्स, बेवन, लेहमन दुसरी टीमों के मंसूबों पे पानी फेर देते थे , गेंदबाजी में ब्रेट ली , मैकग्राथ जैसे तूफानी गेंदबाज हुआ करते थे जो पलक झपकते ही विरोधी टीम को आउट करदेने का माद्दा रखते थे।

 


अब हम बात करते है वर्ल्ड कप फाइनल की टीम इण्डिया सौरव गांगुली की कप्तानी में सिर्फ एक लीग मैच को छोड़कर सभी मैच जीत के आई थीं , बल्लेबाज, सचिन, सहवाग, राहुल द्रविड़, सभी फार्म में थे, वही श्रीनाथ, जहीर और नेहरा की तिकड़ी पुरे विश्व कप में कहर बरपा रही थी ।

 

टॉस जीत गांगुली ने कंगारुओं को बैटिंग करने कहा गिलक्रिस्ट और हेडन की जोड़ी ने ताबड़तोड़ शुरुवात और 100 रन कूट दिए। कंगारुओं का पहला विकेट गिलक्रिस्ट के रूप में 105 रन पे गिरा छक्का मारने के प्रयास में गीली मिडविकेट में सहवाग को कैच दे बैठे , उसके बाद बेटिंग करने आए ऑस्ट्रेलिया के कप्तान रिकी पोंटिंग, जल्द ही हेडन भी हरभजन की गेंद पे राहुल द्रविड़ को कैच दे बैठे, उस समय स्कोर 125 / 2 था ऐसा लग रहा था की अब भारत की गेंदबाजी ऑस्ट्रेलिया पे हावी हो जायेगी और 250 के आसपास टीम कंगारू निपट जाएगी लेकिन होनी को कुछ और ही मंजूर था । पोंटिंग और डेमियन मार्टिन की जोड़ी ने मैदान के चारो तरफ चौके और छक्के की बरसात कर दी । पोंटिंग ने भज्जी के गेंद पे दो लगातार छक्के लगाए ऐसा लग रहा था की वो भज्जी से खार खाए बैठे हो , पोटिंग ने किसी भी भारतीय गेंदबाजों को नहीं बक्शा, कूट कूट कर सभी को धो दीया। श्रीनाथ के आखिरी ओवरों में भी 2 छक्के लगाए । जब 50 ओवर खत्म हुआ तो ऑस्ट्रेलिया का स्कोर 359/2 था डेमियन मार्टिन ने 88 रन बनाएं और पोंटिंग ने शानदार140 रन बनाए जिसमे 8 आसमानी छक्के और चार चौके शामिल थे ।

लगभग हारी हुई मैच को जब भारत ने अपने पारी की शुरुवात की तब पहले ही ओवर में ग्लेन मैकग्रा ने शॉर्ट पिच गेंद से सचिन को आउट किया आउट होने के बाद जैसे पुरे स्टेडियम में सन्नाटा पसर गया था उसके एक के बाद एक भारतीय बल्लेबाज़ आउट होते चले गए, भारत की ओर से सबसे ज्यादा रन वीरेंद्र सहवाग ने बनाएं और भारत की जीत की थोड़ी बहुत उम्मीदों को जिंदा भी रखा था लेकिन और किसी बल्लेबाजों को सहारा नहि मिलने से भारत की इस वर्ल्ड कप में बहुत बड़ी हार हुई थी ।आज भी यह हार करोड़ो भारतीयों को कांटे की तरह चुभती है जब ऑस्ट्रेलिया ने भारत के वर्ल्ड कप जीतने के सपने को किया था चकनाचूर, पोंटिंग की बल्लेबाज़ी ने गेंदबाजों की कमर तोड के रख दी थी । यह यादें हम आज आप के सामने पेश कर रहे है …..

 

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