रायगढ़: पूर्व भाजपा जिलाध्यक्ष उमेश अग्रवाल ने ली चुटकी, कहा विधानसभा चुनाव में मिली हार से विपक्षी सदमे में…..

रायगढ़

 

रायगढ़ । पूर्व जिला भाजपा अध्यक्ष उमेश अग्रवाल ने प्रमुख विपक्षी दल कांग्रेस को निशाने पर लेते हुए मीडिया को जारी बयान में कहा विधान सभा चुनाव में मिली करारी हार से सदमे में आई कांग्रेस अभी तक उबर नहीं पाई और सदमे में ही है। निगम चुनाव में कांग्रेस के पास प्रत्याशियों का टोटा है । आधे से अधिक वार्डो में कांग्रेस से चुनाव लड़ने हेतु आवेदन नहीं आए । बहुत से वार्ड ऐसे है जहां कांग्रेस को चुनाव लड़ने के लिए प्रत्याशी तक नहीं मिले। अपनी इज्जत बचाने कुछ वार्डो में जबरन बिना इच्छा के प्रत्याशियों को चुनाव लड़ने के लिए खड़ा कर दिया गया और दबाव देकर जबरन नामांकन भरवाया गया है।

 

 

भाजपा संगठन द्वारा एक गरीब चाय वाले को महापौर प्रत्याशी बनाए जाने पर कांग्रेस बैंक फुट में आ गई वही कांग्रेस पार्षद प्रत्याशी भी अपनी संभावित हार को टालने के लिए नामांकन वापस लेने के लिए बाध्य हो गए। प्रत्याशियों के पलायन की विषम परिस्थिति से बचने ओए जनता के मध्य अपनी लाज बचाने कांग्रेस से जुड़े लोग जबरन हंगामाकर रहे है ताकि कानून व्यवस्था की स्थिति पैदा कर अर्नालगल बयान बाजी की जा सके। विधान सभा की तरह निगम चुनाव में संभावित बड़ी हार से अपना मुंह छिपाने कांग्रेस स्तरहीन बयानबाजी कर रही है।बिना इच्छा के चुनाव लड़नेआधे दर्जन से अधिक कांग्रेस पार्षद प्रत्याशी नाम वापसी की तैयारी में थे..

 

ऐसे प्रत्याशियों पर नामांकन वापस नहीं लेने का दबाव डाल रही है। कांग्रेस कांग्रेस के पार्षद प्रत्याशियों के साथ गुंडागर्दी कर रही है भाजपा इस अलोकतांत्रिक कृत्य पर आपत्ति व्यक्त करते हुए ऐसे प्रत्याशियों के साथ खड़ी है जो अपना नाम वापस लेना चाहते है। अपने खेमे में लगी असंतोष की आग बुझा पाने में। कांग्रेस अक्षम साबित हुई है। कांग्रेस अपने प्रत्याशियों को किसी भी तरह नामांकन वापस लेने से नहीं रोक पाई।

उमेश अग्रवाल ने कांग्रेस की दयनीय स्थिति पर चिंता जाहिर करते हुए कहा आम जनता का कांग्रेस से मोह भंग हो गया है कांग्रेस से कई वरिष्ठ लोग अपना नाता छोड़ चुके आने वाले दिनों में और भी कांग्रेस छोड़ सकते है । भाजपा नेता उमेश अग्रवाल ने आम जनता से अपील करते हुए कहा जनता कांग्रेस के छल को बेहतर समझती है । कांग्रेस से कोई भी व्यक्ति महापौर का चुनाव लड़ने तैयार नहीं था इसलिए पार्टी ने हार की संभावना को जानते हुए भी दोबारा उसी प्रत्याशी को मौका दिया है।

 

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