लखनऊ /हमानखेड़ा जंगल और आसपास के 60 गांवों के ग्रामीणों ने 90 दिनों बाद राहत की सांस ली है। यहां पर चहलकदमी कर रहा बाघ लोगों की दहशत का कारण बना हुआ था। बुधवार शाम बाघ आखिरकार वन विभाग की टीम के हाथ लग गया। इसकी जानकारी मिलते ही ग्रामीण घरों से बाहर निकल आए। जश्न मनाया, आतिशबाजी की। अब फिर स्कूल खुलेंगे। घरों में महीनों से कैद बच्चे खुली हवा में सांस ले सकेंगे।
फोटो : कुछ इस तरह पकड़ा बाघ को वन विभाग ने
रहमानखेड़ा और आसपास के गांवों के लोगों बाघ का खौफ आजिज हो चुके थे। बाघ की ओर से लगातार शिकार किये जाने की खबरों से ग्रामीण दहशत बढ़ती जा रही थी। कई गांवों में शाम ढलते ही कर्फ्यू जैसा माहौल हो जाता था। खासतौर पर किसान और पशुपालक सबसे ज्यादा प्रभावित हुए। बाघ के डर से करीब 30 स्कूलों पिछले दो महीनों से बंद थे। कई बार ग्रामीणों और वन विभाग के बीच इस मुद्दे को लेकर बातचीत हुई। ग्रामीणों ने भी तय कर लिया कि जब तक बाघ नहीं पकड़ा जाता, वो अपने बच्चों को स्कूल भेजने का जोखिम नहीं लेंगे। 90 दिन बाद बाघ की दहशत से मुक्त हुए गांवों के लोगों ने राहत की सांस ली है। अब छात्र-छात्राएं बेफिक्र होकर स्कूल जाएंगे और किसान खेत में बिना दहशत काम करेंगे।