नई दिल्ली/भारतीय रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति ने नीतिगत ब्याज दर या रेपो रेट में पांच साल बाद कटौती का फैसला लिया है। एमपीसी की तीन दिवसीय बैठक के बाद रेपो रेट में 25 आधार अंकों की कटौती की गई है। केंद्रीय बैंक के नए गवर्नर संजय मल्होत्रा ने रेपो रेट को 6.5% से घटाकर 6.25% करने का एलान किया। पिछली बार रेपो रेट में कब हुई थी कटौती, इस बार कटौती से आपने होम और कार लोन की ईएमआई पर क्या असर पड़ेगा, आइए विस्तार से जानते हैं।
रेपो रेट में हुई कटौती को आम लोगों को कैसे मिलेगी राहत?
टैक्स विशेषज्ञ एवं वरिष्ठ सीए संजीव महेश्वरी के अनुसार एक लंबे समय के बाद ब्याज दरों में कटौती की गई है। जिससे आम आदमी को होम लोन, पसर्नल लोन की ईएमआई में राहत मिल सकती है। ब्याज दरों में कटौती वजह से सस्ते कर्ज से लोगों पर से ईएमआई का बोझ कम होगा। लेकिन इस कटौती के बाद बैंक अपनी लेडिंग रेट पर किस तरह की कटौती करते हैं यह उन पर निर्भर करेगा। प्रत्येक बैंक पूरी कटौती नहीं देती है, बैंक अपनी वित्तीय स्थिति को देखते हुए अपनी ब्याद दरों को कम करती है, इसे भी ध्यान में रखना होगा। हालांकि यह कटौती खपत को बढ़ावा देगी। वे कहते हैं सरकार इस समय अपने खर्चों यानी अपना पूंजीगत व्यय कम करके आम लोगों के हाथों में पैसा दे रही है, जिससे घरेलू खपत को बढ़ाने के साथ धीमी होती अर्थव्यव्स्था को गति मांग को बढ़ाया जा सके। यही कारण है कि बजट 2025-26 में सरकार ने आयकर से छूट के दायरे को बढ़ाकर 12 लाख रुपये करने का एलान किया।