यूपी/शामली/एसटीएफ और बदमाशो के बीच बीते दिन हुए मुठभेड़ में एसटीएफ के मुख्य निरीक्षक सुनील कुमार को गोली लगी थी जिसमे वो गंभीर रूप से घायल हो गए थे जिसमे उनका इलाज़ दिल्ली के मेदांता हॉस्पिटल में चल रहा था, आंत अत्यधिक डैमेज हो जाने की वजह से बुधवार उनके सांसे थम गई।
सुनील कुमार एक सिंतबर 1990 में सिपाही के पद पर भर्ती हुए थे। इसके बाद 1997 में हरियाणा में कमांडो कोर्स किया था। 2009 में उन्हें एसटीएफ में शामिल कर लिया गया था। इसके बाद उन्होंने डकैतों और बदमाशों को मार गिराया था। 13 मार्च 2008 को फतेहपुर में हुए एनकाउंटर में ओमप्रकाश उर्फ उमर केवट को मार गिराया था। 2008 में पांच लाख के इनामी अंबिका पटेल उर्फ ठोकिया के एनकाउंटर में भी वह शामिल थे। 2012-13 में डॉन सुशील मूंछ, बदन सिंह बद्दो और भूपेंद्र बाफर की गिरफ्तारी के ऑपरेशन में भी वह शामिल रहे हैं।
अंतिम दम तक लिया था बदमाशो से लोहा
[सोमवार देर रात एसटीएफ मेरठ को सूचना मिली थी कि शामली के झिंझाना क्षेत्र में बदमाश लूट के इरादे से जा रहे हैं। सूचना पाते ही एसटीएफ मौके पर पहुंची। एसटीएफ के सूत्रों ने बताया कि उदपुर के ईंट भट्ठे के पास ब्रेजा कार सवारों को रोकने का प्रयास किया। आरोप है कि इसी बीच कार सवारों ने एसटीएफ टीम पर फायरिंग करनी शुरू कर दी। दोनों ओर से काफी देर तक फायरिंग होती रही। सहरानपुर के गंगोह के एक लाख के इनामी मुकीम और मुस्तफा उर्फ कग्गा गैंग का सदस्य अरशद गोली लगने से घायल हो गया। मौके पर ही उसकी मौत हो गई थी।
इसके अलावा अरशद का साथी सोनीपत का मंजीत और हरियाणा के मधुबन का रहने वाला सतीश और एक अन्य को भी गोली लगी। इन तीनों की भी मौके पर मौत हो गई। सूचना पाते ही डीआईजी अजय साहनी, एसपी शामली रामसेवक गौतम मौके पर पहुंचे। बदमाशों के पास से पिस्टल, तमंचे भी बरामद किए गए हैं। वहीं बदमाशों की फायरिंग में इंस्पेक्टर सुनील कुमार को गोली लगी थीी उन्हें्हे गुरुग्राम के अस्पताल में भर्ती करायाा गया था
सीएम योगी आदित्यनाथ ने एसटीएफ प्रमुख सुनील कुमार के शहीद होने पे ने शोक व्यक्त करते हुए 50 लाख की आर्थिक सहायता और सरकारी नौकरी तथा उनके नाम पे जनपद में सड़क नामकरण की घोषणा करते हुए सोशल मीडिया में जानकारी दी ।