हिंदू महिला को अपने पति के संपत्ति में कितना होगा अधिकार ? सुप्रीम कोर्ट कर सकता है अहम फैसला…

सुप्रीम कोर्ट

नई दिल्ली/सत्य का सामना/ सुप्रीम कोर्ट ने हिन्दू महिला को हिन्दू उत्तराधिकार अधिनियम, 1956 के तहत संपत्ति अधिकारों के व्याख्याओं की उलझन को सुलझाने का फैसला किया है, जो कि छह दशकों से लंबित एक महत्वपूर्ण मुद्दा बन चुका है। प्रश्न यह है कि क्या एक हिन्दू पत्नी अपने पति द्वारा दी गई संपत्ति पर पूर्ण स्वामित्व अधिकार रखती है, भले ही वसीयत में कुछ प्रतिबंध लगाए गए हों?

यह सवाल केवल कानूनी बारीकियों का नहीं है, बल्कि लाखों हिन्दू महिलाओं के लिए इस निर्णय का गहरा प्रभाव पड़ेगा। यह निर्णय यह तय करेगा कि क्या महिलाएं अपनी संपत्ति का उपयोग, हस्तांतरण या बिक्री बिना किसी हस्तक्षेप के कर सकती हैं।

 

 

यह मामला 1965 में कंवर भान नामक व्यक्ति की वसीयत से जुड़ा है, जिसमें उन्होंने अपनी पत्नी को एक जमीन पर जीवनभर अधिकार दिया था। लेकिन यह शर्त रखी थी कि पत्नी की मृत्यु के बाद यह संपत्ति उनके उत्तराधिकारियों के पास वापस चली जाएगी।

कुछ साल बाद पत्नी ने उस जमीन को बेच दिया। उन्होंने यह दावा किया कि वह संपत्ति की पूर्ण मालिक हैं। बेटे और पोते ने इस बिक्री को चुनौती दी और मामला अदालतों में चला गया, जिसमें हर स्तर पर विरोधाभासी फैसले आए।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *