मुंबई/आईपीएल के 18वें सीजन से पहले खिलाड़ियों की नीलामी 24 और 25 नवंबर को सऊदी अरब के जेद्दा में होगी। नीलामी के शॉर्टलिस्ट हुए 577 खिलाड़ियों में से लीग के लिए अधिकतम 204 ही खरीदे जा सकेंगे। 10 फ्रेंचाइजियों ने कुल मिलाकर 46 खिलाड़ियों को रिटेन किया है। इनमें 10 विदेशी और नौ अनकैप्ड भारतीय खिलाड़ी शामिल हैं। साल 2022 में हुआ पिछला मेगा ऑक्शन सुपरहिट रहा था क्योंकि हर फ्रेंचाइजी को शुरुआत से अपनी टीम बनानी पड़ी थी। इस बार भी फ्रेंचाइजी के सामने यही चुनौती होगी कि वे एक सही टीम कॉम्बिनेशन बना सकें और आगे लीग जीतने के लिए जोर लगा सकें। नीलामी शुरू होने से पहले हम आपको हर जानकारी दे रहे हैं। टीम पर्स से लेकर नए नियमों तक, एक फ्रेंचाइजी कितने स्लॉट भर सकती है,
पहले ये जान लीजिए कि हर एक फ्रेंचाइजी के पास अधिकतम छह खिलाड़ियों को रिटेन करने की इजाजत थी। इनमें राइट-टू-मैच (आरटीएम) का विकल्प भी शामिल है। इनमें दो अनकैप्ड भारतीय शामिल रह सकते थे। आईपीएल ने यह भी कहा है कि अधिकतम पांच कैप्ड खिलाड़ियों को बरकरार रखा जा सकता था। इनमें या तो सभी भारतीय हो सकते हैं या सभी विदेशी या फिर दोनों को मिलाकर अधिकतम पांच कैप्ड खिलाड़ियों को रिटेन किया जा सकता था। एक खिलाड़ी अनकैप्ड होना चाहिए था।
सबसे पहले खिलाड़ी नीलामी में शामिल होने के लिए रजिस्ट्रेशन कराते हैं। इस बार भारत समेत 17 देशों के 1574 खिलाड़ियों ने नीलामी के लिए अपना नाम दिया गया था। उनमें से 574 खिलाड़ियों के नीलामी के लिए शॉर्टलिस्ट किया गया था। बाद में जोफ्रा आर्चर, सौरभ नेत्रवलकर समेत तीन खिलाड़ियों को जोड़ा गया। बल्लेबाजों, गेंदबाजों, विकेटकीपर, ऑलराउंडर्स को अलग-अलग ग्रुप में रखा गया है। बारी-बारी से इन सब पर बोली लगेगी।
सोल्ड या अनसोल्ड खिलाड़ी कौन होते हैं?
नीलामीकर्ता खिलाड़ियों का नाम और उनका बेस प्राइस पुकारते हैं। इस पर फ्रेंचाइजी अपना पैडल उठाकर बोली लगाती हैं। जिन खिलाड़ियों के लिए कम से कम एक भी फ्रेंचाइजी ने पैडल उठाया होता है उन्हें ‘सोल्ड’ यानि बिका हुआ माना जाता है। एक खिलाड़ी पर एक से अधिक फ्रेंचाइजी बोली लगा सकती है। जिसने सबसे अधिक रुपये की बोली लगाई होती है वह खिलाड़ी उस टीम का हो जाता है। अगर किसी खिलाड़ी के लिए कोई फ्रेंचाइजी पैडल नहीं उठाती है तो उसे ‘अनसोल्ड’ यानी नहीं बिका हुआ माना जाता है।