नई दिल्ली / इलाहाबाद के जस्टिस यशवंत वर्मा के खिलाफ महाभियोग की प्रक्रिया शुरू हो गई है, महाभियोग प्रक्रिया शुरू करने का ऐलान लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने की है, जस्टिस यशवंत वर्मा के खिलाफ आरोपों की जांच करने के लिए तीन सदस्य समिति की गठन की हो चुकी है यह बता दे कि जस्टिस यशवंत वर्मा के दिल्ली स्थित घर में करोड़ मात्रा में जली हुई नोटों के ढेर मिले थे, उसके बाद से ही जस्टिस यशवंत वर्मा सुर्खियों में रहे हैं उसे समय यशवंत वर्मा दिल्ली हाई कोर्ट में जज थे बाद में उनका ट्रांसफर इलाहाबाद हाईकोर्ट में किया गया था..
लोकसभा में कमेटी के गठन का ऐलान करते हुए स्पीकर बिरला ने बताया कि जस्टिस वर्मा के खिलाफ 146 सांसदों द्वारा हस्ताक्षरित महाभियोग प्रस्ताव को भी स्वीकार कर लिया गया है। कमेटी जस्टिस वर्मा के मामले की जांच कर लोकसभा को रिपोर्ट सौंपेगी।
146 सदस्यों के हस्ताक्षरित प्रस्ताव मिले थे
स्पीकर बिरला ने कहा, ‘‘समिति यथाशीघ्र अपनी रिपोर्ट सौंपेगी। जांच समिति की रिपोर्ट प्राप्त होने तक जस्टिस वर्मा को हटाने का प्रल्ताव लंबित रहेगा।’’ इससे पहले उन्होंने सदन को सूचित किया कि उन्हें गत 31 जुलाई को भाजपा सांसद रविशंकर प्रसाद और सदन में प्रतिपक्ष के नेता राहुल गांधी सहित सत्ता पक्ष और विपक्ष के कुल 146 सदस्यों द्वारा हस्ताक्षरित प्रस्ताव की सूचना प्राप्त हुई है, जिसमें जस्टिस यशवंत वर्मा को न्यायाधीश जांच अधिनियम 1968 की धारा 3 के साथ संविधान के अनुच्छेद 124 (4) के साथ पठित अनुच्छेदों 217 और 218 के अंतर्गत उच्च न्यायालय के न्यायाधीश के पद से हटाने के लिए राष्ट्रपति को एक समावेदन प्रस्तुत करने का प्रस्ताव है।
कमेटी में कौन-कौन है शामिल
कमेटी में तीन लोगों को शामिल किया गया है इनमें सुप्रीम कोर्ट की जस्टिस अरविंद कुमार मद्रास हाई कोर्ट के जस्टिस मनिंदर मोहन श्रीवास्तव अब मद्रास हाई कोर्ट की वरिष्ठ अधिवक्ता बीवी आचार्य शामिल है….