राजनीति में वैचारिक मतभेद जरूर हों लेकिन मनभेद कभी नहीं होना चाहिए। इस तस्वीर को देख लीजिए। राजनीति के दो विपरीत ध्रुव, कट्टर विरोधी और एक दूसरे के खिलाफ चुनाव लड़ने वाले विद्याचरण जी शुक्ल और रमेश बैस जी एक ही टेबल पर बैठकर खाना खा रहे हैं। विद्याचरण जी की राजनीति में एक ऐसा समय भी आया जब वे अपने विरोधी रमेश बैस के घर उनके आमंत्रण पर खाना खाने भी गए थे। 2 अगस्त को राजनीति के दोनों शिखर पुरुषों का जन्मदिन था। विद्याचरण जी अब इस दुनिया में नहीं हैं लेकिन उनकी यादें सदैव रहेंगी।
गोकुल सोनी की कलम से 🖊️