स्कूल के इंटरवेल में टिफिन खुलते ही आम के अचार की महक से क्लास भर जाती थी, जो बच्चा टिफिन में सब्जी लाया होता था वह भी अचार के लिए मचल उठता था…
हमारे समय में स्कूल के टिफिन का मेन्यू आम या मिर्च का अचार के साथ परांठे हुआ करते थे, आम के अचार को तृप्ति के अंतिम छोर तक चूस-चूस कर खाने वाले बच्चे हमारे जमाने में ही मिलते थे।
एक ही मेन्यू लगभग रोज रिपीट होता…
लेकिन जो संतुष्टि और आनंद उन परांठों और अचार में मिलता, यकीन मानिए दस पकवानों में भी वह आनंद नहीं था, इस अचार और परांठे को खाकर भी हम स्वस्थ और तंदुरुस्त रहते, डॉक्टर्स के यहाँ तो कभी साल दो साल में गए हो तो गए हो वरना हम सब मस्त कलंदर और थोड़े बंदर…
अब तो स्कूल के टिफिन में अचार ले जाना ही मना हैं,
स्कूल की तरफ से डाइट चार्ट जैसे सेट है और मम्मियों की हर रात यही सोचने में सेट है कि सुबह टिफिन के लिए क्या स्पेशल बनाएं…
#यादें_बचपन_की