क्या राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प चाहते है नोबेल पुरस्कार? पाक ने आधिकारिक रूप से ट्रम्प का नाम भेजा….

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सत्य का सामना

एक और जहाँ इजराइल और ईरान के बीच भीषण युद्ध चल रहा है और इसी बीच पाक आर्मी चीफ जनरल असीम मुनीर अमेरिका में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प से एक गुप्त मीटिंग करके आये है मीटिंग में क्या चर्चा हुई है यह तो चर्चा में है लेकिन अब इससे पर्दा धीरे धीरे उठ रहा है, अभी अभी खबर आई है की पाक ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प को नोबेल शांति पुरस्कार के लिए नामित किया है…

 

Image source : social midia

 

पाकिस्तान ने आधिकारिक तौर पर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का नाम नोबेल शांति पुरस्कार के लिए भेजा है। पाकिस्तान सरकार ने इसकी घोषणा करते हुए बताया है ट्रंप का नामांकन मई महीने में भारत के साथ तनाव करने में उनकी भूमिका के चलते दिया गया है। लेकिन में पाकिस्तान की योजना कुछ और ही है। पाकिस्तान डोनाल्ड ट्रंप को खुश करके अमेरिका के साथ संबंधों को मजबूत करके आर्थिक और तकनीकी मदद हासिल करना चाहता है। इसके साथ ही वह कश्मीर पर भी अमेरिकी समर्थन हासिल करना चाहता है।

 

 

 

गौरतलब है कि डोनाल्ड ट्रंप ने कश्मीर मामले में मध्यस्थता की इच्छा जताई थी। हालांकि, भारत ने साफ किया है वह किसी तीसरे देश की मध्यस्थता स्वीकार नहीं करेगा। कश्मीर पर बात केवल पाकिस्तान के साथ ही होगी। यह बातचीत केवल पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (POK) के बारे में ही होगी। नोबेल शांति पुरस्कार के लिए ट्रंप का नामांकन इसी सप्ताह पाकिस्तान आर्मी चीफ आसिम मुनीर की वॉइट हाउस में मेजबानी के बाद आया है।

 

 

ट्रंप को खुश करने की पाकिस्तान की कोशिश

न्यूज 18 ने अपनी रिपोर्ट में एक अनाम पाकिस्तानी अधिकारी के हवाले से बताया है कि यह कदम भारत-पाकिस्तान संकट के दौरान शांति सुनिश्चित करने में राष्ट्रपति ट्रंप की भूमिका को स्वीकार करने के बारे में है। अधिकारी ने कहा कि ट्रंप की मध्यस्थता ने तनाव को कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी और हम उनके योगदान की अंतरराष्ट्रीय मान्यता चाहते हैं। हालांकि, भारत ने मध्यस्थता को स्पष्ट रूप से खारिज कर दिया है और बार-बार कहा है कि पाकिस्तान के अनुरोध के बाद ही संघर्ष रोकने पर सहमति बनी थी।

 

 

 

भारत ने मध्यस्थता को कर दिया है खारिज

भारत के विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने एक आधिकारिक बयान में कहा कि भारत ने सैन्य टकराव के दौरान किसी तीसरे पक्ष की मध्यस्थता की मांग नहीं की या उसे स्वीकार नहीं किया। घटनाओं के इतिहास को फिर से लिखने के पाकिस्तान के प्रयास वास्तविकता पर आधारित नहीं हैं। वॉइट हाउस में मुनीर की मेजबानी से कुछ घंटे पहले ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने डोनाल्ड ट्रंप से फोन पर बात की थी, जिसमें साफ कहा कि भारत-पाकिस्तान संघर्ष में किसी तीसरे पक्ष ने मध्यस्थता नहीं की थी।

 

 

कश्मीर पर दिन में ख्वाब देख रहा पाकिस्तान

ट्रंप को नामित करने के पीछे पाकिस्तान की मंशा कश्मीर मुद्दे को अंतरराष्ट्रीय बनाने के प्रयास से भी जुड़ी है। पाकिस्तान लंबे समय से कश्मीर के लिए अंतरराष्ट्रीय समर्थन मांग रहा है। भारत इसे द्विपक्षीय मुद्दा मानता है। एक भारतीय अधिकारी ने कहा, यह नोबेल पुरस्कार नामांकन कश्मीर का अंतरराष्ट्रीयकरण करने के पाकिस्तान के अभियान का हिस्सा है, जिसे भारत ने दृढ़ता से खारिज कर दिया

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