राजधानी रायपुर/सत्य का सामना/ महाराष्ट्र के पूर्व राज्यपाल पूर्व सांसद श्री रमेश बैस के निवास पहुंचकर सीएमश्री विष्णुदेव साय ने दी बधाई एवं शुभकामनाएं ।
श्री साय ने कहा कि छत्तीसगढ़ के गौरव, माटी पुत्र आदरणीय श्री रमेश बैस जी का विधायक, सांसद, केंद्रीय राज्यमंत्री एवं राज्यपाल के रूप में जनसेवा का एक विस्तृत अनुभव रहा है । प्रदेश के विकास में इनका अमूल्य योगदान रहा है इस दौरान विधानसभा अध्यक्ष श्री डा रमन सिंह जी , पूर्व विधायक गौरीशंकर अग्रवाल जी प्रदेश संगठन महामंत्री पवनसाय जी भी विशेष रूप से मौजूद रहे …
जीवन परिचय रमेश बैस
अगस्त 1948 में रमेश बैस का एक किसान परिवार में जन्म हुआ। पिता खोम लाल बैस रायपुर में बड़े किसान थे। रमेश बैस ने अपनी पढ़ाई मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में रहकर पूरी की है। बीएसई की पढ़ाई के बाद उनकी शादी 1969 में हुई। रमेश बैस का एक बेटा और 2 बेटियां हैं। पारिवारिक जीवन के साथ रमेश की राजनीतिक सक्रियता और गतिविधियां शुरू हुईं। 1978 में रमेश बैस सबसे पहले रायपुर नगर निगम के लिए चुने गए। इसके बाद 1980 में मध्यप्रदेश विधानसभा में गए। लेकिन 1985 के विधानसभा चुनाव में उनको कांग्रेस के सत्यनारायण शर्मा से हार का सामना करना पड़ा। लेकिन रमेश बैस पर बीजेपी ने भरोसा जताया और अगली बार लोकसभा चुनाव के लिए उनको टिकट मिला। यही उनकी राजनीति का टर्निंग प्वाइंट था। क्योंकि इसके बाद रमेश बैस ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। उनका सियासी कारवां और पार्टी के भीतर कद समय बीतने के साथ बड़ा होता गया। रमेश बैस की जीत के पीछे उनके साफ छवि और आम नागरिकों से आसानी मिलने जुलना उनकी समस्याओं को सुनना समझना और समाधान करना है। जिसकी वजह से हर कोई अपने आप को उनसे जुड़ा हुआ महसूस करता है।
Ramesh Bais: 7 बार रायपुर लोकसभा जीतने का रिकॉर्ड
रमेश बैस 1989 में रायपुर लोकसभा सीट से पहली बार लोकसभा के लिए चुने गए। इसके बाद 1996 में 11 वीं लोकसभा के लिए फिर चुने गए। 1998 में तीसरी बार फिर लोकसभा सांसद बने और 1999 में फिर रायपुर से सांसद चुने गए। इसके बाद राज्य गठन के बाद लगातार तीन बार रमेश बैस रायपुर लोकसभा सीट से 2004, 2009 और फिर 2014 में भी लोकसभा चुनाव जीते। इसी रिकॉर्ड के चलते रमेश बैस को केंद्रीय मंत्री के रूप में भी जिम्मेदारी मिली। रमेश बैस ने केंद्रीय इस्पात, रसायन और उर्वरक, सूचना और प्रसारण, खान और पर्यावरण, वन राज्य मंत्री जैसे कई विभागों में काम कर चुके हैं। अटल बिहारी वाजपेई मंत्रिमंडल में भी वे केंद्र राज्य मंत्री रहे।
Ramesh Bais: 2019 में बने राज्यपाल
2019 के बाद भाजपा ने रमेश बैस को लोकसभा का टिकट नहीं दिया। उन्हें त्रिपुरा का राज्यपाल बनाया गया। फिर झारखंड के राज्यपाल की जिम्मेदारी सौंपी गई और अब उन्हें महाराष्ट्र जैसे बड़े राज्य की जिम्मेदारी दी गई है। महाराष्ट्र देश की आर्थिक राजधानी मानी जाती है। इसके अलावा भारतीय राजनीति में उत्तर प्रदेश के बाद दूसरा सबसे बड़ा राज्य है जहां 48 लोकसभा सीटें हैं। महाराष्ट्र में 288 विधानसभा सीट है। इस लिहाजा सबसे बड़ी राजनीतिक गतिविधियां इस राज्य में देखने को मिलती है। रमेश बैस छत्तीसगढ़ के पहले नेता है जो देश के 3 राज्यों के राज्यपाल बनाए जा चुके हैं।