मुंबई /तीन भाषा को लेकर महाराष्ट्र सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। तीन भाषा के लिए जारी किए गए पुराने दोनों फैसले रद्द कर दिए गए हैं। इसके अलावा राज्य सरकार की ओर से डॉक्टर नरेंद्र जाधव के नेतृत्व में एक समिति के स्थापना की घोषणा की है। यह समिति तीन भाषा सूत्र पर अपनी रिपोर्ट देगी। इसकी जानकारी महाराष्ट्र के सीएम देवेंद्र फडणवीस ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के जरिए दी। इस दौरान उप मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और अजित पवार भी साथ थे।
महाराष्ट्र सरकार ने हाल ही में मराठी और अंग्रेजी के साथ हिंदी भाषा को अनिवार्य करने का आदेश जारी किया था. तीसरी भाषा के रूप में हिंदी को अनिवार्य किए जाने के खिलाफ राज ठाकरे, उद्धव ठाकरे खुलकर उतर आए. सरकार ने पहले तीसरी भाषा के रूप में हिंदी को वैकल्पिक किया और अब इससे संबंधित आदेश ही वापस ले लिया है..
क्यों बोले सीएम फडणवीस
CM देवेंद्र फडणवीस और दोनों डिप्टी सीएम ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की। CM ने कहा- तीन भाषा नीति को लेकर शिक्षाविद नरेंद्र जाधव की अध्यक्षता में कमेटी बनाई गई है। इसके रिपोर्ट के बाद ही हिंदी की भूमिका पर अंतिम फैसला लिया जाएगा।
फडणवीस ने पूर्व CM उद्धव ठाकरे पर आरोप लगाते हुए कहा- CM रहते उद्धव ठाकरे ने कक्षा 1 से 12 तक तीन भाषा नीति शुरू करने के लिए डॉ. रघुनाथ माशेलकर समिति की सिफारिशों को स्वीकारा था। साथ ही नीति लागू करने पर समिति गठित की थी।