रायपुर :सत्य का सामना/ छत्तीसगढ़ समेत तीन राज्यों में मुख्यमंत्री को लेकर बैठकों का दौर जारी है। राजनीतिक सूत्रों के मुताबिक छत्तीसगढ़ के सीएम का नाम लगभग तय हो गया है। हालांकि अभी तक इसका खुलासा नहीं किया गया है। वहीं, लोकसभा चुनाव को देखते हुए भारतीय जनता पार्टी प्रदेश में दो डिप्टी सीएम का फार्मूला अपना सकती है। इन दो नामों में सबसे आगे प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव व ओपी चौधरी का नाम है।
राजनीतिक सूत्रों के मुताबिक विधायक दल की बैठक शनिवार को हो सकती है। इससे पहले आज पर्यवेक्षक भेज दिए जाएंगे। हालांकि पूर्व सीएम डॉ. रमन सिंह के अनुसार एक-दो दिन में पर्यवेक्षक आएंगे। बैठक से पहले पर्यवेक्षक विधायकों से वन-टू-वन भी कर सकते हैं। इसके बाद सर्वसम्मति से मुख्यमंत्री के नाम पर मुहर लगेगी। जानकारी मिली है कि 9 दिसंबर तक सीएम की घोषणा हो सकती है।
बता दें कि सीएम को लेकर मंगलवार को पहली बार सीएम बनाने को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने पीएम हाउस में देर रात चार घंटे से ज्यादा समय तक मंथन किया था। इस दौरान लंबा समय राजस्थान और मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री को लेकर चर्चा की गई। छत्तीसगढ़ को लेकर आम सहमति पहले ही बनने की बात सामने आ रही है।
आदिवासी या ओबीसी चेहरे पर दांव
छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री के नाम को लेकर अब लगभग यह तय हो गया है कि राज्य का मुख्यमंत्री आदिवासी या ओबीसी वर्ग से ही होगा। सियासी गलियारों में कई नामों की चर्चा है। बताया जा रहा है कि अगले साल होने वाले लोकसभा चुनावों को देखते हुए पार्टी अनुभवी हाथों में नेतृत्व देना चाहती है। आदिसवासी यानी एसटी समुदाय से फिलहाल विष्णुदेव साय, रेणुका सिंह के अलावा दूसरे नामों की भी चर्चाएं शुरू हो गई हैं। वहीं ओबीसी से प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव का नाम सबसे आगे चल रहा है..